Kayar Sake na Jhel Fakiri | कायर सके ना झेल, फकीरी अलबेला को खेल | Nath Ji Bhajan



कायर सके ना झेलफकीरी अलबेला को खेल॥टेर॥

ज्यूँ रण माँय लडे नर सूराअणियाँ झुक रहना सेल।
गोली नाल जुजरबा चालैसन्मुख लेवै झेल॥1
सती पति संग नीसरीअपने पिया के गैल।
सुरत लगी अपने साहिब सेअग्नि काया बिच मेल॥2
अलल पक्षी ज्यूँ उलटा चालेबांस भरत नट खेल।
मेरु इक्कीस छेद गढ़ बंकाचढ़गी अगम के महल॥3
दो और एक रवे नहीं दूजाआप आप को खेल।
कहे सामर्थ कोई असल पिछाणैलेवै गरीबी झेल॥4

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