Balihari Balihari Mhare Satguru | बलिहारी बलिहारी म्हारे सतगुरुवां ने बलिहारी | Nath JI Bhajan



बलिहारी बलिहारी म्हारे सतगुरुवां ने बलिहारी।
बन्धन काट किया जीव मुक्ताऔर सब विपत बिड़ारी॥टेर॥
वाणी सुनत परस सुख उपज्यादुर्मति गयी हमारी।
करम-भरम का संशय मेट्यादिया कपाट उधारी॥1
मायाब्रह्म भेद समझायासोंह लिया विचारी।
पूरण ब्रह्म कहे उर अंदरकाहे से देत विड़ारी॥2
मौं पर दया करो मेरा सतगुरुअबके लिया उबारी।
भव सागर से डूबत तार्याऐसा पर उपकारी॥3
गुरु दादू के चरण कमल पररखू शीश उतारी।
और क्या ले आगे रखूसादर भेट तिहारी॥4

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