Sadhu Lade Shabd ke Aute | साधु लडे रे शबद के ओटै, तन पर चोट कोनी आयी मेरा भाई रे
साधु लडे रे शबद के ओटै, तन पर चोट कोनी आयी मेरा भाई रे
साधा करी है लड़ाई....ओजी म्हारा गुरु ओजी...॥टेर॥
ओजी गुरुजी, पाँच पच्चीस चल्या पाखारिया आतम करी है चढ़ाई ।
आतम राज करे काया मे, ऐसी ऐसी अदल जमाई ॥1॥
ओजी गुरुजी, सात शबद का मँड्या है मोरचा, गढ़ पर नाल झुकाई ।
ग्यान का गोला लग्या घट भीतर, भरमाँ की बुरज उड़ाई ॥2॥
ओजी गुरुजी, ज्ञान का तेगा लिया है हाथ मे, करमा की कतल बनाई ।
कतल कराइ भरमगढ़ भेल्या, फिर रही अलख दुहाई ॥3॥
ओजी गुरुजी, नाथ गुलाब मिल्या गुरु पूरा, लाला लगन लखाई ।
भानी नाथ शरण सतगुरु की, खरी नौकरी पाई ॥4॥
साधा करी है लड़ाई....ओजी म्हारा गुरु ओजी...॥टेर॥
ओजी गुरुजी, पाँच पच्चीस चल्या पाखारिया आतम करी है चढ़ाई ।
आतम राज करे काया मे, ऐसी ऐसी अदल जमाई ॥1॥
ओजी गुरुजी, सात शबद का मँड्या है मोरचा, गढ़ पर नाल झुकाई ।
ग्यान का गोला लग्या घट भीतर, भरमाँ की बुरज उड़ाई ॥2॥
ओजी गुरुजी, ज्ञान का तेगा लिया है हाथ मे, करमा की कतल बनाई ।
कतल कराइ भरमगढ़ भेल्या, फिर रही अलख दुहाई ॥3॥
ओजी गुरुजी, नाथ गुलाब मिल्या गुरु पूरा, लाला लगन लखाई ।
भानी नाथ शरण सतगुरु की, खरी नौकरी पाई ॥4॥
No comments: